गीता हो या कूरान लिखा है हर ग्रंथ मे तेरा मेरा प्यार ना बेर हो किसी से ना दूश्मन हो कोई ए मित्रा मेरे आँखे हंसती वही है जहाँ मिले तेरा मेरा प्यार गम धूप से मिलती है राहत जब छांव करे तेरा मेरा प्यार यादो के पन्ने पलट कर तो देखो जब सब की जुबां पर था तेरा मेरा प्यार । ( चाँदनी) ©Sangeeta Verma ग्रंथ