White " वक्त का ये फेर " वक्त का ये फेर राजा हुए ढेर कदम कदम की चाल फंस गए खुद आज देख कर खिल गए सभी जिनका, जीना था दुसवार स्वभाव न बदलें कभी यह तो है उपहार पद रहे या ना रहे पुण्य कर्म ही जाते साथ रहो साथ करो काम दिल में भजते रहो हरि का नाम! ©अनुज अच्छे विचारों