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कभी शिकवा कभी ग़म है, तेरे यूं छोड़ जाने का उठाओ

कभी शिकवा कभी ग़म है, तेरे यूं छोड़ जाने का 
उठाओ अब  ज़रा  बेड़ा, हमें कुछ तो बताने का 

कहीं ऐसा ना हो प्यारी ज़ख्म हद से ही बढ़ जाये 
तरस खाओ तो मजनू पे, ज़रा मरहम लगाने का 

बताऊं क्या हया  तुमको, मेरे हर हाल का किस्सा 
बहाना  ढूंढता  था  बस,  मेरे  आंसू   छीपाने  का 

कभी ये ख्वाब भी देखा, सितारों मै खड़ी हो तुम 
अजब  था  खुश नुमा मंज़र, तेरे यूं मुस्कुराने का 

मगर  बेदार  होते  ही, मै  इक  दम टूट जाता था 
मुझे  बस  ग़म  सताता था  तेरे  यूं  दूर  जाने का 

ख़ता  क्या  हो  गई  ऐसी, हया  "सद्दाम" से  तेरे 
लिया  जो  फैसला  तूने, अकेले  छोड़  जाने का #testi #for #haya #dil #ki #baaten
कभी शिकवा कभी ग़म है, तेरे यूं छोड़ जाने का 
उठाओ अब  ज़रा  बेड़ा, हमें कुछ तो बताने का 

कहीं ऐसा ना हो प्यारी ज़ख्म हद से ही बढ़ जाये 
तरस खाओ तो मजनू पे, ज़रा मरहम लगाने का 

बताऊं क्या हया  तुमको, मेरे हर हाल का किस्सा 
बहाना  ढूंढता  था  बस,  मेरे  आंसू   छीपाने  का 

कभी ये ख्वाब भी देखा, सितारों मै खड़ी हो तुम 
अजब  था  खुश नुमा मंज़र, तेरे यूं मुस्कुराने का 

मगर  बेदार  होते  ही, मै  इक  दम टूट जाता था 
मुझे  बस  ग़म  सताता था  तेरे  यूं  दूर  जाने का 

ख़ता  क्या  हो  गई  ऐसी, हया  "सद्दाम" से  तेरे 
लिया  जो  फैसला  तूने, अकेले  छोड़  जाने का #testi #for #haya #dil #ki #baaten