जादू भरी नज़र तुम्हारी बेक़रार कर गई, हवा से दौड़ लगाती धड़कने ये क्या कर गई? ये दाँव पेंच जो तू पलकों को उठा झुका करे, बचा खुचा चैन-ओ-करार दुश्वार कर गई। तुझसे दूर रह कर राहत की साँस भी न आती, तू मिली मुझको हर दिन मेरा इतवार कर गई। दिल का ख़ाली कमरा तेरी शरारतों से गूँजता, मेरे वीराने को तारों जड़ा आसमान कर गई।— % & ♥️ Challenge-860 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।