मस्त हवां का झाेका था वाे, चचंल था मस्ताना था। मुझपे फना हाेने काे आतुर, रहता वाे परवाना था। मेरी बस एक झलक पाने काे, पागल वाे दीवाना था । पर मैं जानती थी,कभी मुकंम्मल न हाे, ये ऐसा फसाना था। ताे बस समेट लिया खुद काे खुद में, और उसे जाने दिया।। कभी-कभी और कोई रास्ता नहीं रह जाता! अपनी कहानी लिखें। #जानेदिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi