4 मेरे लोग कुछ अपना नाम भूल चुके हैं सांता उनकी पहचान ले आना, मेरी जात अपनी शक्ति भूल चुकी है उसका गुमान ले आना, अपनी इतिहास को मारकर निर्जीव हो चुकी सभ्यता में जान ले आना, खून बहता बहता बस रिसने को रह गया उसमे ब्रह्मचारी के विचारों सा उफान ले आना, जो देवियां खुद को मनोरंजन में ख़र्चती हैं उनमे सतीत्व का सम्मान ले आना, जो रोटी के गुलाम रहे उनमे ईमान का तूफान लाना, जो भटक चुके हैं मतों के जंगल में उनमे दिशाज्ञान ले आना, जो पाप के उद्योग में रत हैं उनकी आत्मा में थोड़ा दमखम थोड़ी जान ले आना, वरना मत आना। हम बच्चों को कोई और कहानी सुना लेंगे, हम परंपरा कोई और बना लेंगे, हम उम्मीद कोई और जगा लेंगे या अगर ठगे जाना ही नसीब है तो बोरी भर आटे से ज्यादा नफा लेंगे। End 4 and final. सांता फिर मत आना अगर.... amazon.com/author/harshranjan #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqchallenge #collab