मेरी विनती है तुमसे, हे माखनचोर कन्हैया। संकट से घिरा हुआ हूँ, अब मेरा बनो सहैया। डगमगा रही है कश्ती, बन जाओ तुम खेवैया। मुसीबतों के फन पर ही, करो नृत्य ताता थैया। #मानव_छंद #कन्हैया #विश्वासी