मेरी ख्वाइश है बस इतनी, मुझे आबाद कर दे तू। मुझे कुछ खाक ना दे पर , मुझे अब ख़ाक कर दे तू। जलाता है मुझे पल-पल , तेरे संग साथ औरों का; रहम कर चाँद लेती जा, अमावश रात कर दे तू। --निखिल की कलम से। #आज_की_शायरी