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अपना चिंतन अपनी कलम से~ 🖋 *घर हो चाहे बाहर यदि क

अपना चिंतन अपनी कलम से~ 🖋 
*घर हो चाहे बाहर यदि कोई भी इंसान अन्य किसी भी इंसान के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय,शोषण करता है तो वह अपनी तुच्छ मानसिकता को दर्शाता है*।
माला सिंह 
मेरठ,उत्तर प्रदेश

©Mala Singh
  Anju @hardik Mahajan Shweta Duhan Deshwal Anuradha Priyadarshini Honey honey