वो रात कैसे भूल जाऊँ, जब हमदोनों साथ थे, कमरे में मद्धिम सी रौशनी थी, हाथों में जकड़े हाथ थे। कभी शर्मा कर सीमट जाती, तो कभी घबरा कर छिटक जाती, प्यार की बारिश में भीगे हमदोनों, तुम बार-बार मुझसे लिपट जाती। ये रात ख़त्म ना हो ऐसी चाहत थी, तुम्हारे पास होने से राहत थी। रात भर प्यार की आह में, बिना वक़्त के परवाह में, यादगार सा वो रात हमनें बनाया, प्यार एक-दूसरे से हमनें जताया। अब वो रात स्मरणों में ख़ास है, आँखें बंद करूँ तो तू अब भी पास है। वो रात मैं कभी भूल नहीं सकता, जैसे अब तेरे बिन मैं जी नहीं सकता। Good Morning writers! Collab on this background and express your hidden desires, by writing a microtale/story/poem Today, We will read your all entries within 6 hours and give feedback to you. #MnMpictureprompt #moansandmoons #dkcerotica #dkchindi #yqdidi #seduction #love #YourQuoteAndMine Collaborating with Moans & Moons