खेतों में वैसा ही है दानों का पकना जैसे किसी विवाहिता ने ओढ़ी हो मकना उनमें से भी कुछ खलिहान ही रह जायेंगे यहाँ भी कुछ अरमान अग्नि में जल जायेंगे ! मकना- लाल रंग की ओढ़नी जो विवाहिता को शादी के वक्त ओढ़ाई जाती है खलिहान- जहाँ फसल काटकर रखी जाती है इक लड़की...परिवर्तित होती है औरत में, जाने कितने अरमानों को जला कर उसी अग्निकुंड में जहाँ एक दुनियवी रश्म अता होती है... जिसे विवाह का नाम दिया है ,और कई नये आयामों को अरमान देती है !...ऐसा बलिदान करने सामर्थता रब की सल्तनत में किसी अन्य जीव में हो ऐसा मुमकिन नहीं.. और उसमें भी हम उस महान देश की ऐसी संस्कृति का हिस्सा है जो सम्पूर्ण विश्व में कही नहीं ! #yqhindi #हिन्दुस्तान #culture