सुभान अल्लाह, ये दिलकश है नजारा कितना, वो सोया हुआ, मासूम सा, प्यारा कितना।। मुझे पता नही कि कैसे मैं बताऊं तुम्हे, कि खिल रहा है तुमपे हुस्न तुम्हारा कितना।। सुभान अल्लाह ये दिलकश है नजारा कितना