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आज मैंने ख़्याली पुलाव बनाया है (Poem in caption)

आज मैंने ख़्याली पुलाव बनाया है

(Poem in caption) आज मैंने ख़्याली पुलाव बनाया है

अपनी नींदों को बड़े प्यार से सहेजते हुए
उसमें ख़्वाइशों का तड़का लगाया है

आज मैंने ख़्याली पुलाव बनाया है 

सपने बहुत दिनों से रखें थे मेरी ज़िन्दगी की रसोईं में
आज मैंने ख़्याली पुलाव बनाया है

(Poem in caption) आज मैंने ख़्याली पुलाव बनाया है

अपनी नींदों को बड़े प्यार से सहेजते हुए
उसमें ख़्वाइशों का तड़का लगाया है

आज मैंने ख़्याली पुलाव बनाया है 

सपने बहुत दिनों से रखें थे मेरी ज़िन्दगी की रसोईं में