Nojoto: Largest Storytelling Platform

किसीके कहने से कोई बदगुमाँ नही होता जो मुस्कुराते

किसीके कहने से कोई बदगुमाँ नही होता
जो मुस्कुराते हैं उनसे दर्द बयां नही होता

ये जो ज़माना हर बात पे खुश हाल नज़र आता है
इनसे कह दो ज़ख्म ए जिगर ज़्यादा निहां नही होता

मैं कोई नज़्म कहूँ तुझ पर ए ज़िंदगी बता
तेरे बदलते रूप का क़लम पासबाँ नही होता

कुछ सितम में कुछ करम में बांट दिया तुझको
तेरे चाहने वालों से ढंग से तेरा बंटवारा नही होता


ये मुल्क ये सरहद ये बोली ये मज़हब की कटारे
तुझे पारा पारा करके भी तेरे बच्चों को चैन नही होता


तुझ को समझने की खातिर ये इमारत बनाई थी
अब तुझको समेटने के लिए देर ओ हरम नही होता


साया भी कभी देगा तू इसकी हिफाज़त कर
रिश्तों के दरख्तों पर कभी सूखा नही होता

ये लफ़्ज़ों को पिरोने में रूह सिमट जाएगी एक दिन
ज़िंदगी समझने को समी कोई दूसरा मौका नही होता।। ज़िंदगी
किसीके कहने से कोई बदगुमाँ नही होता
जो मुस्कुराते हैं उनसे दर्द बयां नही होता

ये जो ज़माना हर बात पे खुश हाल नज़र आता है
इनसे कह दो ज़ख्म ए जिगर ज़्यादा निहां नही होता

मैं कोई नज़्म कहूँ तुझ पर ए ज़िंदगी बता
तेरे बदलते रूप का क़लम पासबाँ नही होता

कुछ सितम में कुछ करम में बांट दिया तुझको
तेरे चाहने वालों से ढंग से तेरा बंटवारा नही होता


ये मुल्क ये सरहद ये बोली ये मज़हब की कटारे
तुझे पारा पारा करके भी तेरे बच्चों को चैन नही होता


तुझ को समझने की खातिर ये इमारत बनाई थी
अब तुझको समेटने के लिए देर ओ हरम नही होता


साया भी कभी देगा तू इसकी हिफाज़त कर
रिश्तों के दरख्तों पर कभी सूखा नही होता

ये लफ़्ज़ों को पिरोने में रूह सिमट जाएगी एक दिन
ज़िंदगी समझने को समी कोई दूसरा मौका नही होता।। ज़िंदगी

ज़िंदगी