उसने देखा था मेरी हाथो की लकीरों को पर मैं ही ना बदल पाया अपनी तकदीरों को जब था पता उस रब को की ये मिल नही सकते तो फिर क्यों बाँध दिया कुछ पल के लिए हम दोनों को एक ही जंजीरो से लेखक ,......नंदन गुप्ता #Heart उसने देखा था