एक कमी जो मुझे नित खाये जाती है समझ नही पाता हूँ कि क्यूँ हर तरह से संतुष्ट हूँ फिर क्यूँ अबूझ सी प्यास तड़पाये जाती है अपूर्ण से एहसास सांस लेने नही देते न दिन न रात न सर्दी गर्मी बरसात कैसी किसकी चाहत है जो जकड़ कर लगाम मेरी एक ओर लिए जाती है कौन सी कमी है जो मुझे खाये जाती है #एककमी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi