खुद की खुद से मुलाकात चल रही है हक़ीक़त की कोलाहल में, ख्वाबों से बात चल रही है... अब तनहाई से निकलना मसला -ए - जिंदगी न रहा, क्योंकि.. ये इकलौती वफादार, जो मेरे साथ चल रही है... ©Pt Savya kabir खुद की खुद से मुलाकात चल रही है हक़ीक़त की कोलाहल में, ख्वाबों से बात चल रही है... अब तनहाई से निकलना मसला -ए - जिंदगी न रहा, क्योंकि.. ये इकलौती वफादार, जो मेरे साथ चल रही है...