"क्या खबर तुम कैसी हो? " "अच्छी-खासी मैं चंगी हूँ ।" "बनावटी अच्छी हो या सचमुच अच्छी हो? " "बनावटी भला मैं क्यों बोलूँ ?तुम मेरी ओर देखते भी नहीं हो, ! " "ह्म्म, , , ! सुना है खबर अब बिकने लगी है कौन दिखेगी, कौन छुपेगी,अब पैसों पर निर्भर रहने लगी है ।" "कान पकड़कर चाँद दिखा दूंगी, आज तुम भले-चंगे हो कल तुझे भी खबर बना दूंगी ।" #स्वरा