वो सर्द मौसम था धीमी धीमी बरसात थी दो दिल मिल रहे थे शाम वाली चांदनी रात थी सहमी सहमी सी मैं तुम भी गुमसुम थे हम दोनों घबरा रहे थे वो पहली मुलाकात थी। mulakaat