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वो सर्द मौसम था धीमी धीमी बरसात थी दो दिल मिल रहे

वो सर्द मौसम था 
धीमी धीमी बरसात थी
दो दिल मिल रहे थे 
शाम वाली चांदनी रात थी
सहमी सहमी सी मैं 
तुम भी गुमसुम थे
हम दोनों घबरा रहे थे 
वो पहली मुलाकात थी। mulakaat
वो सर्द मौसम था 
धीमी धीमी बरसात थी
दो दिल मिल रहे थे 
शाम वाली चांदनी रात थी
सहमी सहमी सी मैं 
तुम भी गुमसुम थे
हम दोनों घबरा रहे थे 
वो पहली मुलाकात थी। mulakaat