समझना है क्या?अब हमने तो मान लिया है। आहट भी उनके सांसों की पहचान लिया है। माना कि राह होगी ये मुश्किल बड़ी मगर, गुजरना है फिर भी इस पर यह ठान लिया है। अरुण शुक्ल "अर्जुन" प्रयागराज Khushi 😄