लबों की हँसी, साँसों की ताजगी बन गए हो तुम। बेसब्र हूँ जिसे देखने, वो सादगी बन गए हो तुम। बयाँ नहीं कर सकता, मेरी बेक़रारी का आलम। खुदा की इनायत, मेरी बंदगी बन गए हो तुम। मुस्कुराते लम्हों की वो खुशी बन गए हो तुम। मेरे चेहरे की रौनक और हँसी बन गए हो तुम। मैं अब तुमसे दूर नहीं रह सकता इक पल भी। मेरी मोहब्बत, चाहत, ज़िन्दगी बन गए हो तुम। ♥️ Challenge-502 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।