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आसान नहीं है, अपने आँसुओं को खुलकर दिखाना इनकी पह

आसान नहीं है,
अपने आँसुओं को खुलकर दिखाना 
इनकी पहचान नहीं है। 
अपनी व्यथाओं को उलझनों को 
बाँटना,इन्हें नागँवारा लगता है। 
परिवार की जिम्मेदारी उठाना, 
इन्हें इनका कर्तव्य लगता है। 
खा लेंगे खुद कम 
पर पेट भरेंगे औरों का,
कहेंगे, हम पुरुष है समय की मार 
सहते है तो ये भूख है क्या? 
माँ-बाप,बीवी-बच्चे इतने में 
नहीं छूटती इनकी जान
बिदाई की हुई बहन और 
सगा भाई भी होती है इनकी आन।। 
 आप सभी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
मान्यताओं से हटकर आपने कैसा महसूस किया एक पुरुष को, लिखें।
#पुरुषदिवस #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didiआसान नहीं है,
अपने आँसुओं को खुलकर दिखाना 
इनकी पहचान नहीं है। 
अपनी व्यथाओं को उलझनों को 
बाँटना,इन्हें नागँवारा लगता है।
आसान नहीं है,
अपने आँसुओं को खुलकर दिखाना 
इनकी पहचान नहीं है। 
अपनी व्यथाओं को उलझनों को 
बाँटना,इन्हें नागँवारा लगता है। 
परिवार की जिम्मेदारी उठाना, 
इन्हें इनका कर्तव्य लगता है। 
खा लेंगे खुद कम 
पर पेट भरेंगे औरों का,
कहेंगे, हम पुरुष है समय की मार 
सहते है तो ये भूख है क्या? 
माँ-बाप,बीवी-बच्चे इतने में 
नहीं छूटती इनकी जान
बिदाई की हुई बहन और 
सगा भाई भी होती है इनकी आन।। 
 आप सभी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
मान्यताओं से हटकर आपने कैसा महसूस किया एक पुरुष को, लिखें।
#पुरुषदिवस #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didiआसान नहीं है,
अपने आँसुओं को खुलकर दिखाना 
इनकी पहचान नहीं है। 
अपनी व्यथाओं को उलझनों को 
बाँटना,इन्हें नागँवारा लगता है।
ashagiri4131

Asha Giri

New Creator