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शब्दों की बहार लेकर आया हूँ, दिल की गहराइयों से उ

शब्दों की बहार लेकर आया हूँ, 
दिल की गहराइयों से उबार लेकर आया हूँ।
ख्वाबों की मधुर बरसात लाया हूँ, 
ज़िंदगी की गुलशन में ख़ुशबू बिखेर आया हूँ।
शजर की छाया में बैठ, ख्वाबों की दुनिया सजाएं, 
हवाओं से कह दो जाएं, यहाँ खोने मन को आएं।

©Nirankar Trivedi
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