आज उस के शहर में मेरा तीसरा दिन हैं। दो दिन तो मानों यूं बीते जैसे इक पलछिन हो, परंतु आज न जाने क्यूँ दिन भारी सा लग रहा है। क्या आज मेरी उससे मुलाक़ात होने वाली है, क्या आज मैं देख पाऊंगा उसे। दिल और दिमाग़ में एक द्वंद जारी है, दिल जोरों से धड़क रहा है, और दिमाग़ शांत रहने को कह रहा है। दिल यह मान कर ख़ुश है कि आज उससे मिलना होगा, दिमाग़ यह सोच कर व्याकुल है कि कहीं आज दिल टूट न जाए। #yostowrimo में शीर्षक तीसरा दिन से एक कहानी लिखें। जैसा कि आप जानते हैं कहानी घटना प्रधान होती है और कविता भाव प्रधान। कहानी को आगे बढ़ाने के लिए शीर्षक भी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। जैसा कि शीर्षक है तीसरा दिन तो इससे जुड़े तथ्यों को सामने रखें। यानी पहले के दो दिन और हैं। इन दो दिनों में ऐसा क्या घटित हुआ होगा। यहाँ तीसरा दिन कैसे इम्पॉर्टेन्ट है - इत्यादि। तो आइए, कहानी लिखते हैं। #तीसरादिन #YourQuoteAndMine #bestyqhindiquotes #yqbesthindiquotes #yqhindi #yqbaba #aprichit Collaborating with YourQuote Didi