सोचता हूँ अनुष्का पर एक कहानी लिखूँ पर लिखूँ तो कैसे लिखूँ शब्द की अज्ञानता वेवश करता हमें फिर साहित्य की इस परी का वर्णन मैं कैसे करूँ । फिर भी करूँ तो क्या करूँ ।। क्षण-२ में लिखती हो जो नई कहानी तुम सागर के मध्य करती हो जो अपनी मनमानी तुम साहित्य के वेग की अवर्णनीय गाथा हो तुम उस गाथाओं का वर्णन मैं कैसे करूँ । फिर भी करूँ तो क्या करूँ ।। शब्दों के सागर में पल रही अथाह सोच हो तुम नव आशाओं की एक गूढ़ परिणाम हो तुम चञ्चल और स्थिर चित्त की अद्भुत सम्मिश्रण हो तुम उन सम्मिश्रणों के मधुरता का वर्णन कैसे करूँ । फिर भी करूँ तो क्या करूँ ।। #Anushka_Verma #poetry #nojoto #family #bestfriend