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The story is, मुझ को मालूम है महबूब-परस्ती का

The story is, मुझ  को  मालूम  है  महबूब-परस्ती  का  अज़ाब ए "सैफु"
 देर  से  चाँद  निकलना  भी  ग़लत  लगता  है..
                            "सैफु" #Mahaboob
The story is, मुझ  को  मालूम  है  महबूब-परस्ती  का  अज़ाब ए "सैफु"
 देर  से  चाँद  निकलना  भी  ग़लत  लगता  है..
                            "सैफु" #Mahaboob