!! जीवन का सच !! एक-एक कर सबको जाते देख रहा हूँ जैसे जाने के लिए ही तो आये थे और जाना भी तो कैसा पूरी बारात सजती है... कैसे बदल जाते हैं मन के भाव 'श्मशान' जाकर, जैसे जी लिया हो जीवन का सच क्षण भर के लिए... कहीं खो जाता है फिर ये 'सच' जीवन की उलझन में, इस बात से अनजान कि एक दिन मुझे भी तो जाना है...!!! !! श्मशान !! एक-एक कर सबको जाते देख रहा हूँ जैसे जाने के लिए ही तो आये थे और जाना भी तो कैसा पूरी बारात सजती है... कैसे बदल जाते हैं मन के भाव