मेरी मूंछो के बिना, दुनिया मे रखा कया है, ग़र ये उगे तो रौब बढे़, ये रहे तो शान बढे़, इन मूंछो के बिना, जीने मे रखा कया है। मेरी मूंछो के बिना, दुनिया मे रखा......। ©।। दिल की कलम से।। मूंछें