घर-घर में हो तिल और गुड़ की मिठास, आसमान में उड़ान भरती पतंगों की आस। लोहड़ी और मकर संक्रांति सबके लिए हो खास,जीवन में भर जाए सबके उल्लास। सूरज की राशि बदलेगी, नये साल में खुशियों का पर्व लायेगा, खुशियों की बरसात, सभी को मिले सन्मति,सबके जीवन में हो उन्नति,पल-पल बढ़े सभी रिश्तों में विश्वास। मकर-संक्रान्ति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं, आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है, इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अनन्य महत्व है। इस दिन गंगा स्नान व सूर्योपासना पश्चात गुड़, चावल और तिल का दान श्रेष्ठ माना गया है। कैप्शन ध्यानपूर्वक पढ़ें