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गुलाब कांटों में मुस्काए शबाब कांटो को ललचाए आंखों

गुलाब कांटों में मुस्काए
शबाब कांटो को ललचाए
आंखों से जो तीर चलाए
होठों से शोले बरसाए
जुल्फें जैसे सावन घटाएं 
पतझड़ में देखो बहारों का
ये बखूबी एहसास कराएं।।

©Mohan Sardarshahari शबाब 
#safarnama
गुलाब कांटों में मुस्काए
शबाब कांटो को ललचाए
आंखों से जो तीर चलाए
होठों से शोले बरसाए
जुल्फें जैसे सावन घटाएं 
पतझड़ में देखो बहारों का
ये बखूबी एहसास कराएं।।

©Mohan Sardarshahari शबाब 
#safarnama