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मुखौटे पर मुखौटे लगाए बैठे हैं, ना जाने क्या है वो

मुखौटे पर मुखौटे लगाए बैठे हैं,
ना जाने क्या है वो जिसे छिपाए बैठे हैं।
किसे चिंता यहां जीता या मरता कौन है,
हर घर नई गंगा बहाए बैठे हैं।

सोचता हूं मैं कभी जीवन और मृत्यु क्या है,
खोजता हूं क्या इनाम और सजा क्या है?
पता नहीं चला मुझे अभी तक यहां,
क्या है ये मतलब और इस मतलब से क्या है?

लिए बैठे हैं लोग हाथों में लकड़ियां देखो,
मेरी मौत की कितनी उन्हें चिंता देखो।
अभी निकला नहीं दहलीज से भी पांव मेरा,
दरवाजा लगाने आए वो जल्दी देखो।

सहारा देने आए तो कई सारे यहां पर थे,
दे देते धक्का फिर उठाने जो आए थे।
नहीं खेल हूं कोई जो चाहे खेले ऐ जिंदगी,
खंजर से चोट की हाथों ने उन्हीं जिन्होंने मरहम लगाए थे।

देर हो रही है मुझको करने दो रुकसत जरा,
भीड़ में रुकना नहीं अकेले चल रहा हूं मैं यहां।
आज लग ही जायेगी आग तेरी दुनियां में,
खामोशियों से बात करता खामोशियों को सुन जरा।

आ जरा तू सामने और सामने से वार कर,
कर नहीं अटखेलियां तू सीधे सीधे बात कर।
सीखा नहीं कहना कभी की हार मानता हूं मैं,
ना हो जरा भी देर तू अभी युद्ध की शुरुआत कर।

©Consciously Unconscious #mukhota 
आगाज कर आगाज कर,
रण भयंकर आज कर डर जाए चीख पुकार भी,
तू कर नई हुंकार कर।
siya pandey Saurav life shudhanshu sharma  Shahab mysterious boy
मुखौटे पर मुखौटे लगाए बैठे हैं,
ना जाने क्या है वो जिसे छिपाए बैठे हैं।
किसे चिंता यहां जीता या मरता कौन है,
हर घर नई गंगा बहाए बैठे हैं।

सोचता हूं मैं कभी जीवन और मृत्यु क्या है,
खोजता हूं क्या इनाम और सजा क्या है?
पता नहीं चला मुझे अभी तक यहां,
क्या है ये मतलब और इस मतलब से क्या है?

लिए बैठे हैं लोग हाथों में लकड़ियां देखो,
मेरी मौत की कितनी उन्हें चिंता देखो।
अभी निकला नहीं दहलीज से भी पांव मेरा,
दरवाजा लगाने आए वो जल्दी देखो।

सहारा देने आए तो कई सारे यहां पर थे,
दे देते धक्का फिर उठाने जो आए थे।
नहीं खेल हूं कोई जो चाहे खेले ऐ जिंदगी,
खंजर से चोट की हाथों ने उन्हीं जिन्होंने मरहम लगाए थे।

देर हो रही है मुझको करने दो रुकसत जरा,
भीड़ में रुकना नहीं अकेले चल रहा हूं मैं यहां।
आज लग ही जायेगी आग तेरी दुनियां में,
खामोशियों से बात करता खामोशियों को सुन जरा।

आ जरा तू सामने और सामने से वार कर,
कर नहीं अटखेलियां तू सीधे सीधे बात कर।
सीखा नहीं कहना कभी की हार मानता हूं मैं,
ना हो जरा भी देर तू अभी युद्ध की शुरुआत कर।

©Consciously Unconscious #mukhota 
आगाज कर आगाज कर,
रण भयंकर आज कर डर जाए चीख पुकार भी,
तू कर नई हुंकार कर।
siya pandey Saurav life shudhanshu sharma  Shahab mysterious boy