#MessageOfTheDay गज़ल ए दैलत् की तराजू पे, गिराए हैं जुबानों से | हमे देखा करेगे वो, जरा तीखी निगाहों से | हमें कोई, क्यु पूछेगा, ए रंजोगम् कि बांहों से | खयालों के ,ए किस्से हैं, दिखे कैसे, चरागों से | है अंधेरा जहाँ आंखों कि, नींदों के ए रातों से | नहीं कोई, ए दीवाने, न कोई है ए रिश्तों से | अकेला देख वो होने लगे, अनजान आंखों से | :- अतुलसूर्यकांत ©Atulsuryakant #hindi_shayari #hindi_poetry #gazal #hindi_gazal #shayri #shayrikakhajana #Messageoftheday