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एक टूटी हुई ज़ंजीर की फ़रियाद हैं हम. और द

एक  टूटी  हुई   ज़ंजीर  की  फ़रियाद  हैं  हम.
और दुनिया ये  समझती है के  आज़ाद हैं हम.

काहे का तर्क-ए-वतन काहे की हिजरत बाबा,
इसी  धरती की इसी देश की औलाद हैं  हम.

हम भी तामीर-ए-वतन में हैं बराबर के शरीक,
दर ओ दीवार अगर तुम हो तो बुनियाद हैं हम.

 #Currency
एक  टूटी  हुई   ज़ंजीर  की  फ़रियाद  हैं  हम.
और दुनिया ये  समझती है के  आज़ाद हैं हम.

काहे का तर्क-ए-वतन काहे की हिजरत बाबा,
इसी  धरती की इसी देश की औलाद हैं  हम.

हम भी तामीर-ए-वतन में हैं बराबर के शरीक,
दर ओ दीवार अगर तुम हो तो बुनियाद हैं हम.

 #Currency