यात्रा में हैं चल रहें हैं हम कभी खिली धूप कभी धरती नम ग़मगीन हुए कभी कभी यूँ ही हरसे क्या कहें ज़िन्दगी दूर बहुत ले आई है घर से! भाव उमड़ रहे अनगिनत हर पल मुस्कानों की ओट से बहता है आँखों का जल कभी थमी झम-झम बूँदें कभी मेघ जमकर बरसे यूँ ही टहनियों से टूट कर कलियाँ कहती तरुवर से! 💕🙏🍨🍧☕☕☕🍉🍉🍫🍫🍎🍎🍀☘🌱 Good morning ji :💕🙏🍧हर हर महादेव ! :😊😊💐💐💐💐 अन्दर जीवन है भले ऊपर बर्फ़ गयी है जम प्रकृति का अद्भुत खेल है ये लीला इसकी सुन्दरतम