पहले त्योहारों पर मिलते थे साथ में तोहफ़े। अब मिलती है साथ में खर्चों की फेहरिस्ते। एक जमाने में ये प्रथा होती थी,होली दिवाली घर में होती थी। अब तो होता है कि नौकरी संभाले या रिश्ते। फेहरिस्त: List