कांच का खिलौना समझकर तोड़ तो दिया है तुमने इस दिल को, गर चुभ जाए तो दोष न देना मुझे। धड़कन जो नाम से तुम्हारे चलती थी, तुम्हारे जाने पर रुक जाए तो दोष न देना मुझे। ©Ritu shrivastava #Broken____words