आख़िरी बार गले लगते हुए तुम्हारी आँखों से गिरे मोती अब मेरे कंधे पर तिल बनकर उग आए हैं। जिनका बोझ उठाना मेरे कमज़ोर कंधों के लिए बड़ा मुश्किल हो गया है। मैं झुक कर चलने लगा हूँ, लगता है जैसे असमय ही बूढ़ा हो चला हूँ। मेरी ज़िद और ज़िंदगी के चुनाव में उस समय मैंने अपना हठ चुना था। काश मैंने तुम्हे चुना होता तो आज तुम मेरा सहारा होती। एक बोझ मेरे दिल पर भी है। ये बोझ वक़्त के साथ और भारी होता जा रहा है... . . . . . #amit #yqbaba #yqdidi #amitmaun