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आज, ​प्रातः भोर भये, ​मन की मुँडेर पर, ​दुआओं के र

आज,
​प्रातः भोर भये,
​मन की मुँडेर पर,
​दुआओं के रंग मे रंगी,
​इक तितली आयी,
​और आकर,
​मेरी हथेलियों पर बैठ गयी,
​एवं निश्छल भाव से,
​अपनी ममता व स्नेह के,
​रंगीन परों से,
​प्रार्थनाओं के चटकीले रंग,
​बिखेर उड़ चली, आज,
​प्रातः भोर भये,
​मन की मुँडेर पर,
​दुआओं के रंग मे रंगी,
​इक तितली आयी,
​और आकर,
​मेरी हथेलियों पर बैठ गयी,
​एवं निश्छल भाव से,
आज,
​प्रातः भोर भये,
​मन की मुँडेर पर,
​दुआओं के रंग मे रंगी,
​इक तितली आयी,
​और आकर,
​मेरी हथेलियों पर बैठ गयी,
​एवं निश्छल भाव से,
​अपनी ममता व स्नेह के,
​रंगीन परों से,
​प्रार्थनाओं के चटकीले रंग,
​बिखेर उड़ चली, आज,
​प्रातः भोर भये,
​मन की मुँडेर पर,
​दुआओं के रंग मे रंगी,
​इक तितली आयी,
​और आकर,
​मेरी हथेलियों पर बैठ गयी,
​एवं निश्छल भाव से,
akalfaaz9449

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आज, ​प्रातः भोर भये, ​मन की मुँडेर पर, ​दुआओं के रंग मे रंगी, ​इक तितली आयी, ​और आकर, ​मेरी हथेलियों पर बैठ गयी, ​एवं निश्छल भाव से, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #testimonial