क्या कहूँ..? जिदंगी मे कितने तजुर्बे मिल गये.. कुछ अपनोमें पराए तो, परायो मे अपने मिल गये... मैंने यहाँ सच को आँसुओ में बहते देखा है झूठ हमेशा मुस्कुराया हैं जिस पर भी भरोसा किया बस... धोखा ही खाया है क्या कहूँ जिदंगी तुझे कौन समझ पाया है जितनी कोशिश की तुझे समझने की तूने मुझे उतना ही उलझाया हैं....! #poemlover #wrtinglover #nojoto