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साहब, सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करके, तुम, जैस

साहब, 
सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करके, 
तुम, जैसे अभिमन्यु को मार रहे हैं। 
सावधान रहना! जब हर अच्छा इंसान, 
पांडवों की तरह नियम त्याग देगा।
© Vibrant_writer 
साहब, तुम्हारा राजनीतिक अहम और 
दुनिया में अमर रहने की इच्छा भी, 
तुम्हारे जीते जी मिट्टी में मिलेगी और 
अश्वत्थामा के जैसे तुम भी भटकोगे। 
© Vibrant_writer 
साहब, झूठ की पहरेदारी आम बात नहीं, 
पर तुम झूठ के सौदागर बने फिरते हो। 
धृतराष्ट्र की तरह तुम्हारी हर गलती पर, 
इतिहास तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा।
© Vibrant_writer 
साहब, जिसे तुमने कर्ण जैसा दोस्त समझा है, 
वह तड़ीपार असल में शकुनी सा चालबाज है। 
इसे सर पर चढ़ा कर तुमने जो गलती की है, 
उसे मां भारती को सालों तक झेलना पड़ेगा।
© Vibrant_writer 
साहब, अब तुम दुर्योधन की तरह हो गए हो, 
जिसे बस किसी भी तरह से सत्ता चाहिए। 
पर न सत्ता तब दुर्योधन को मिली थी, 
और न सत्ता अब साहब तुम्हें मिलेगी। #sahab #Election2019
साहब, 
सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करके, 
तुम, जैसे अभिमन्यु को मार रहे हैं। 
सावधान रहना! जब हर अच्छा इंसान, 
पांडवों की तरह नियम त्याग देगा।
© Vibrant_writer 
साहब, तुम्हारा राजनीतिक अहम और
साहब, 
सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करके, 
तुम, जैसे अभिमन्यु को मार रहे हैं। 
सावधान रहना! जब हर अच्छा इंसान, 
पांडवों की तरह नियम त्याग देगा।
© Vibrant_writer 
साहब, तुम्हारा राजनीतिक अहम और 
दुनिया में अमर रहने की इच्छा भी, 
तुम्हारे जीते जी मिट्टी में मिलेगी और 
अश्वत्थामा के जैसे तुम भी भटकोगे। 
© Vibrant_writer 
साहब, झूठ की पहरेदारी आम बात नहीं, 
पर तुम झूठ के सौदागर बने फिरते हो। 
धृतराष्ट्र की तरह तुम्हारी हर गलती पर, 
इतिहास तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा।
© Vibrant_writer 
साहब, जिसे तुमने कर्ण जैसा दोस्त समझा है, 
वह तड़ीपार असल में शकुनी सा चालबाज है। 
इसे सर पर चढ़ा कर तुमने जो गलती की है, 
उसे मां भारती को सालों तक झेलना पड़ेगा।
© Vibrant_writer 
साहब, अब तुम दुर्योधन की तरह हो गए हो, 
जिसे बस किसी भी तरह से सत्ता चाहिए। 
पर न सत्ता तब दुर्योधन को मिली थी, 
और न सत्ता अब साहब तुम्हें मिलेगी। #sahab #Election2019
साहब, 
सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करके, 
तुम, जैसे अभिमन्यु को मार रहे हैं। 
सावधान रहना! जब हर अच्छा इंसान, 
पांडवों की तरह नियम त्याग देगा।
© Vibrant_writer 
साहब, तुम्हारा राजनीतिक अहम और