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बचपन और पिटाई यादों की तस्करी में यह चाय वाली ब

बचपन और पिटाई 
 यादों की तस्करी में
 यह चाय वाली बचपन की चुस्कियां 
जब जब ली जाती है 
कुछ धुंधले से खेल
 आपस की लड़ाइयां
 और वह बचपन की पिटाई
 हमें फिर याद आ जाती है
 दोस्तों को अपने घर गेंद लेने भेजते थे 
कि कहीं मां वापस आने ही ना दे 
दोपहर की तपिश में छुपकर निकलते थे
 कहीं पूछने पर मां जाने ही ना दे 
कभी बेलन से तो कभी झाड़ू से
 उस मार में भी अलग ही सुकून था
 कभी गुल्ली डंडे की तैयारी
 तो कभी कंचे खेलने का जुनून था
 शुक्रिया उस बचपन की पिटाई को
 तूने बहुत कुछ हमें सिखा दिया
 जब जब जिंदगी की मार पड़ी
 तेरे हौसले ने मुझे फिर उठा दिया। #BachpanAurPitaai #poemsbynancy
बचपन और पिटाई 
 यादों की तस्करी में
 यह चाय वाली बचपन की चुस्कियां 
जब जब ली जाती है 
कुछ धुंधले से खेल
 आपस की लड़ाइयां
 और वह बचपन की पिटाई
 हमें फिर याद आ जाती है
 दोस्तों को अपने घर गेंद लेने भेजते थे 
कि कहीं मां वापस आने ही ना दे 
दोपहर की तपिश में छुपकर निकलते थे
 कहीं पूछने पर मां जाने ही ना दे 
कभी बेलन से तो कभी झाड़ू से
 उस मार में भी अलग ही सुकून था
 कभी गुल्ली डंडे की तैयारी
 तो कभी कंचे खेलने का जुनून था
 शुक्रिया उस बचपन की पिटाई को
 तूने बहुत कुछ हमें सिखा दिया
 जब जब जिंदगी की मार पड़ी
 तेरे हौसले ने मुझे फिर उठा दिया। #BachpanAurPitaai #poemsbynancy