उठाना होगा कांधे पे तुमको कुछ इस कदर बिखर जाऊंगा मैं ये जिंदगी अब बुरी सी लगती है मुझको सोचता हूं मर के संवर जाऊंगा मैं ।। आना मेरे जनाज़े पे आंँसू बहा लेना चाहे फिर मन ही मन क्यूँ न मुस्कुरा लेना पूछेंगे कई क्या क्यों कितने सवाल मगर बहुत कह चुका हूं अब ठहर जाउंगा मैं ।। हो जितनी शिकायतें साथ लेते आना तुम सुन न पाऊँ कुछ फिर भी सुनाना तुम अंदर की आग बहुत जला चुकी है मुझको बाहर की आग में जल के निखर जाऊंगा मैं ।। ©Anjay kumar #life #endlesslife #End #Death