राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सह्स्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने॥ भगवान शंकर ने माता पार्वती से कहा, “हे सुमुखी ! प्रभु श्री राम का एक बार नाम लेना विष्णुसह्स्र नाम का उच्चारण करने समान है; अतः मैं सदैव मन को लुभाने वाले ‘राम राम’ का ध्यान करता हूं।” मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम जी के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ हो मङ्गल हो