जमाने के ग़मों का मारा इंसान हो गया हंसाने के लम्हों का प्यारा ईमान खो गया होने लगा जहां बर्बाद धर्म की अनदेखी में खोने लगा चैन और सुकून कर्म की अनदेखी में सपने संजोने लगे रेत महल मर्म की अनदेखी में Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto