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प्रजातंत्र अपने आप में बहुत ही अच्छी,सबसे अच्छी शा

प्रजातंत्र अपने आप में बहुत ही अच्छी,सबसे अच्छी शासन-शैली है किंतु तब ,जब प्रजा  सभ्य,शिक्षित,संस्कारी, नैतिक व मानवता से युक्त हो,अन्यथा जितने फायदे जनता को मिलते हैं उससे ज्यादा नुकसान स्वयं जनता ही उठाती है।
जनता को शिक्षित, नैतिक,ईमानदार और मानवता से युक्त होना तो बहुत ही जरूरी है।
क्योंकि जब जनता व्यक्तिगत तुच्छ स्वार्थों की पूर्ति तक ही सोचती है तब जनतंत्र बहुत ही लाचार और असहाय हो जाता है। जनता ही अपने प्रतिनिधि चुनती है जाति, धर्म और अपनी जान-पहचान के आधार पर, उनकी अच्छाई,सच्चाई,योग्यता और ईमानदारी या नैतिकता तो देखती नहीं;
चुने हुए प्रतिनिधि अपनी बुद्धि, मानसिकता और जनता की मानसिकता को समझते हुए छोटे-छोटे हितों के टुकड़े कानून के रूप में उछाल देती है और उन टुकडों के बदले अपने लिए पूरी राजनीति रूपी रोटी हासिल कर लेती है जनता उनसे खुश हो जाती है। सभी प्रतिनिधि व पार्टियां ऐसी नहीं होती लेकिन हमारे देश में पिछले कितने ही वर्षों से ऐसी ही राजनीति होती रही है सो जनता भी उसी मानसिकता की हो गई है। #प्रजातंत्र#१९.०९.२०

#RaysOfHope
प्रजातंत्र अपने आप में बहुत ही अच्छी,सबसे अच्छी शासन-शैली है किंतु तब ,जब प्रजा  सभ्य,शिक्षित,संस्कारी, नैतिक व मानवता से युक्त हो,अन्यथा जितने फायदे जनता को मिलते हैं उससे ज्यादा नुकसान स्वयं जनता ही उठाती है।
जनता को शिक्षित, नैतिक,ईमानदार और मानवता से युक्त होना तो बहुत ही जरूरी है।
क्योंकि जब जनता व्यक्तिगत तुच्छ स्वार्थों की पूर्ति तक ही सोचती है तब जनतंत्र बहुत ही लाचार और असहाय हो जाता है। जनता ही अपने प्रतिनिधि चुनती है जाति, धर्म और अपनी जान-पहचान के आधार पर, उनकी अच्छाई,सच्चाई,योग्यता और ईमानदारी या नैतिकता तो देखती नहीं;
चुने हुए प्रतिनिधि अपनी बुद्धि, मानसिकता और जनता की मानसिकता को समझते हुए छोटे-छोटे हितों के टुकड़े कानून के रूप में उछाल देती है और उन टुकडों के बदले अपने लिए पूरी राजनीति रूपी रोटी हासिल कर लेती है जनता उनसे खुश हो जाती है। सभी प्रतिनिधि व पार्टियां ऐसी नहीं होती लेकिन हमारे देश में पिछले कितने ही वर्षों से ऐसी ही राजनीति होती रही है सो जनता भी उसी मानसिकता की हो गई है। #प्रजातंत्र#१९.०९.२०

#RaysOfHope
anjupokharana7639

Anjali Jain

New Creator
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