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#OpenPoetry प्यार तुझसे था तेरे रंग रूप से नही, अग

#OpenPoetry प्यार तुझसे था तेरे रंग रूप से नही,
अगर ना हो यकीं तो यकीं कर लेना,
तुझसे भी खूबसूरत चेहरे ने हमारी गलियों में ईश्क़ लिखा है
पर इस खूबसूरती पर तो ये सख़्श ना तब बिका था ना आज बिका है,
क्युकि खुदा तो मूझे आज भी तेरे ही चेहरे मे दिखा है ।।
           #तरुणपण्डित# #OpenPoetry
#OpenPoetry प्यार तुझसे था तेरे रंग रूप से नही,
अगर ना हो यकीं तो यकीं कर लेना,
तुझसे भी खूबसूरत चेहरे ने हमारी गलियों में ईश्क़ लिखा है
पर इस खूबसूरती पर तो ये सख़्श ना तब बिका था ना आज बिका है,
क्युकि खुदा तो मूझे आज भी तेरे ही चेहरे मे दिखा है ।।
           #तरुणपण्डित# #OpenPoetry