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हां देखो , जरा गौर से , देखो ना इस पेड़ को बस एक

हां देखो , जरा गौर से , देखो ना इस पेड़ को 
बस एक ही चिड़िया आयी है , मिलने इसके मुंडेर को

जरा फिर देखो , तब सोचो यह 
आज भी कितना , बड़ा है यह
फिर सोचो , बंदे क्या बात हुई 
ऐसे तन्हा क्यूं , खड़ा है यह

एक समय इसका ऐसा भी था ,
सब परिंदो को यह ही , प्यारा था ,
बूढ़े-बच्चे भी आकर नीचे ही , इसके बैठा करते थे
होती थी जब-जब , धूप गांव में , सबको इसका छांव गवांरा था ! यहां कविता का पहला भाग है आप लोग कमेंट करके बताइए क्या दूसरा भाग लिखू।यहां स्वार्थ को दिखाया गया है कि जब आपके पास सब कुछ होता है तो आप के हजारों मित्र होते हैं पर जब आप सब कुछ खो देते हैं तो आपके पास कोई नहीं होता।
#ट्री #truth #life #love #part1 #f4f #l4l #poetry #love #dhokha
हां देखो , जरा गौर से , देखो ना इस पेड़ को 
बस एक ही चिड़िया आयी है , मिलने इसके मुंडेर को

जरा फिर देखो , तब सोचो यह 
आज भी कितना , बड़ा है यह
फिर सोचो , बंदे क्या बात हुई
हां देखो , जरा गौर से , देखो ना इस पेड़ को 
बस एक ही चिड़िया आयी है , मिलने इसके मुंडेर को

जरा फिर देखो , तब सोचो यह 
आज भी कितना , बड़ा है यह
फिर सोचो , बंदे क्या बात हुई 
ऐसे तन्हा क्यूं , खड़ा है यह

एक समय इसका ऐसा भी था ,
सब परिंदो को यह ही , प्यारा था ,
बूढ़े-बच्चे भी आकर नीचे ही , इसके बैठा करते थे
होती थी जब-जब , धूप गांव में , सबको इसका छांव गवांरा था ! यहां कविता का पहला भाग है आप लोग कमेंट करके बताइए क्या दूसरा भाग लिखू।यहां स्वार्थ को दिखाया गया है कि जब आपके पास सब कुछ होता है तो आप के हजारों मित्र होते हैं पर जब आप सब कुछ खो देते हैं तो आपके पास कोई नहीं होता।
#ट्री #truth #life #love #part1 #f4f #l4l #poetry #love #dhokha
हां देखो , जरा गौर से , देखो ना इस पेड़ को 
बस एक ही चिड़िया आयी है , मिलने इसके मुंडेर को

जरा फिर देखो , तब सोचो यह 
आज भी कितना , बड़ा है यह
फिर सोचो , बंदे क्या बात हुई

यहां कविता का पहला भाग है आप लोग कमेंट करके बताइए क्या दूसरा भाग लिखू।यहां स्वार्थ को दिखाया गया है कि जब आपके पास सब कुछ होता है तो आप के हजारों मित्र होते हैं पर जब आप सब कुछ खो देते हैं तो आपके पास कोई नहीं होता। #ट्री #Truth #Life #Love #Part1 #f4f #l4l #Poetry #Love #Dhokha हां देखो , जरा गौर से , देखो ना इस पेड़ को बस एक ही चिड़िया आयी है , मिलने इसके मुंडेर को जरा फिर देखो , तब सोचो यह आज भी कितना , बड़ा है यह फिर सोचो , बंदे क्या बात हुई