Unsplash तेरे बिना जीना यू अब अच्छा नहीं लगता क्या करु ऐ दिल ए नादान इसे अब तन्हा भी जीना अच्छा नहीं लगता । तुझमें देखी ऐसी क्या खूबी बिना तेरे अब जीना सच्चा नहीं लगता । जाना था किसी और गली, आ के तेरी गलियों से अब जाना अच्छा नहीं लगता ।। इसी उधेड़बुन में हूं कि कह दूं , या ना कहूं सच जान कर रूठ न जाओ इसी कशमकश में जीना भी अब तो अच्छा नहीं लगता तेर बिना जीना यू अब अच्छा नहीं लगता ।। तेरे बिना जीना यू ।। ©Dr kumar Shanu #library #drksy