ईबादत मेरा घर, हम इश्क़-ए-मुंतज़िर है, ना किसी खुदा के बंदे, न जहांन-ए-काफिर है, हमारा भरोसा जरा सोच समझ कर करियेगा, ए दोस्त हर घड़ी शहर बदलने वाले, हम भी मुसाफिर है। ©Pawan Singh Prajapati ईबादत मेरा घर, हम इश्क़-ए-मुंतज़िर है, ना किसी खुदा के बंदे, न जहांन-ए-काफिर है, हमारा भरोसा जरा सोच समझ कर करियेगा, ए दोस्त हर घड़ी शहर बदलने वाले, हम भी मुसाफिर है। . . #adventure #safar #musafir #travaller #zindgikasafar #muntzir #dosh #bharosha